Wednesday, May 27, 2020

एक दूसरे को क्षमा करने के द्वारा आशीषें Blessings through forgiving Each other




एक दूसरे को क्षमा करने के द्वारा आशीषें
मत्ती 6 :14

आप सभी का स्वागत है हमारी आज के बाईबल अध्यन में येशु मसीह के नाम से,आमीन,आज बाईबल में से क्षमा के विषय के बारे में सीखेंगे और उसके द्वारा आशिष को पाएँगे

परमेवश्वर पिता दयालु और प्रेमी है,जब कभी हम अपने पापो के लिए क्षमा माँगते है तो परमेश्वर हमे तुरंत क्षमा करते है,इसी प्रकार से एक सच्चे विश्वासी के रूप में हमे भी एक दूसरे को पुरे ह्रदय के साथ क्षमा करना चाहिए]

कई बार जब हम एक दुसरे से मिलते है, घर में,स्कुल में या बाजार में तो कई बार कुछ लोग ऐसा कार्य करते है जिससे हमे ठेस पहुँचती है या दुख होता है जिस कारण से हम उनसे नाराज हो जाते है, उनसे क्रोधित हो जाते है, उनसे निराश हो जाते है
लेकिन ऐसे समयों में हमे मसीह के गुणो दर्शाने  की आवयकता होती है,इसलिए आज के  विषय को हम सही से समझने के लिए कुछ भागो में विभाजित करेगे,

1. एक दूसरे को क्षमा करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा
2. एक दूसरे को क्षमा करने के उदाहरण
3. एक दूसरे को क्षमा ना करने के खतरे
4. एक दूसरे को क्षमा करने के द्वारा आशीषें

 1 . एक दूसरे को क्षमा करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा
मति 6:14,मरकुुस 11:25 इफिसियो 4:32 इन सभी पदो रमे’वर सभी लोगो कों आज्ञा देते है कि वे एक दुसरे को पुरे मन से क्षमा करे,यीशु मसीह ने अपने जीवन के द्वारा उद्वाहरण देकर दर्शाया है,

जब पतरस ने यीशु का इन्कार किया तब प्रभु यीशु मसीह ने उसे क्षमा किया,लुका 22:61,

जिन्होने उसे क्रुस पर चढाया था तभी प्रभु यीशु मसीह ने उन्हें  क्षमा किया,लुका 24:34,

इसलिए पोैलुस प्रेरित भी सभी विशवासियो को निर्देश और सलाह देते  है  वे भी एक दुसरे को क्षमा करे, कुलिसियो 3:13,आप क्षमा करे, चाहे वह आपकी पत्नि,चाहे वह आपका भाई,बहन,माता-पिता हो,चाहे कोई भी क्यों ना हो  परमेश्वर आपसे चाहते है कि आप उन लोगो को क्षमा करे और उनसे पलटा ना ले क्योंकि  पलटा लेना परमेश्वर का कार्य है,
 

2. एक दूसरे को क्षमा करने के उदाहरण
जो परमे’वर से प्रेम करते है वे परमेश्वर की आज्ञा मानते है इसी कारण से हम देखते है उन लोगो को जिन्होने एक दुसरे को क्षमा किया,
1. प्रभु  यीशु मसीह ने क्रुस पर उन लोगो को क्षमा किया जिन्होने उसे क्रुस पर चढाया था, लुका 24:34,
2. युसफ ने अपने भाईयो को क्षमा किया. उत्पति 45:5-7,15,
3. दाउद ने शम्मई नाम के व्यक्ति को क्षमा किया जिस ने दाउद को श्राप दिया था, 2शमुएल 16:5-8,19:23,
4. राजा ने अपने कर्मचारी को क्षमा किया जिसने उस से उधार लिया, था मति 18:27,
5. स्तिफुनुस ने अपने मारनेवालो को क्षमा किया, प्ररितो के काम 7:60,
इसलिए आप भी एक दुसरे सम्पुर्ण हदय से क्षमा करे कभी भी प्रतिशोध न ले,प्रभु यीशु ने प्रत्येक बार क्षमा करने कि आज्ञा दिया है मति 18:22,लुका 17:4,,क्योकि क्षमा करने में ही आशीष
 
3. एक दूसरे को क्षमा ना करने के खतरे
मरकुस11:26,मति 5:23-25
हम जब बाईबल पढते है तो हम वहा पर परमेश्वर की इच्छा को पाते है और जब हम परमेश्वर की इच्छा के अनुसार कार्य नही करते है तो हम परमेश्वर  की बहुत सारी  आशीष खो देते है जब कोई एक दुसरे को क्षमा नही करते तो निम्न कार्य उनके जीवन मैं होने लगते है
1.  परमेश्वर भी उनके अपराधो को क्षमा नही करेगे, मति 6:14,मरकुस 11:25,
2.    उनकी प्रार्थना का उतर नही मिलेगा,
3.    परमेश्वर का क्रोध  उन पर रहेगा, मति 18:28-34,
4.    परमेश्वर उनकी भेटो को ग्रहण नही करेगे, मति 5:23-25,
5.    वे परमे’वर को कभी भी न देख पाएगे, इब्रानियों 12:14
6.     वे अपना अन्नत नरक की आग मे बिताऐगे, मति 18:35,

 4. एक दूसरे को क्षमा करने के द्वारा आशीषें
जब कोई किसी को क्षमा करता है तो वह अपने जीवन मैं बहुत सारी आशीष को निमत्रण देता है,
1.   उस से परमेश्वर प्रसन्न रहते है,
2.   उसकी प्रार्थना का उतर जल्दी मिलता है,
3.   उसके जीवन मैं नई आशीष आने लगती है,
4.   उसके जीवन मैं  शांति रहता है,
5.   उसके जीवन मे आनन्द रहता है,
6.   वह परमे’वर का पुत्र कहलाता है,

आज के वचन की मुल शिक्षा यह है कि जैसा प्रभु यीशु मसीह ने आपने अपराधियो को क्षमा किया वैसे ही आप एक दुसरे के अपराध को क्षमा करे,आज से और अभी से,प्रभु आप सभी को आशीष करे,आमीन      धन्यवाद


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English Translation


Blessings through Forgiving Each other

Matthews 6:14

 

1.       God’s Commandment to forgive each other

Matthews 6:14, Mark 11:25, Eph 4:32,Luke 22:61, 24:34, Col 3:13

 

2.       Example of People who forgave each other

1.       Jesus : Luke 24:34

2.       Joseph : Genesis 45:5-7,15

3.       David: 2Samuel 16:5-8,19:23

4.       Master : Matthews 18:27

5.       Stephen : Acts 7:60

6.       Matthews 18:22, Luke 17:4,

 

3.       Danger to not forgive Each other

      Mark 11:26, Matthews 5:23-25

1.       God will not forgive you: Matthews 6:14,Mark 11:25

2.       God’s anger will be upon you: Mathews 18:24-35

3.       Your offering will be not acceptable to God: Matthews 5:23-25

4.       You will not able to see God and his kingdom: Heb 12:12

5.       You will face judgment : Matthews 18:35

6.       Pray will not answered :

 

4.       Blessings through forgiving each other

1.       God will be happy with you

2.       Your prayer will be answered very fast

3.       You will get new blessings

4.       You will get peace of mind

5.       You will get joy

6.       You will be called children of God

So forgive each other as soon as possible and as much as you can

and you wll see the blessings of God you life very soon in Jesus Name I Pray Amen and Amen 

God Bless You

Thank you

 






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